दुर्लभ अष्टधातु यंत्र को स्थापित करने का तरीका :- सभी प्रकार के मन्त्रो को जन्मकुण्डली, टेवा, प्रश्नकुण्डल हस्तरेख, मस्तक रेखा देखकर ही प्रयोग में ले। यंत्रो को निर्धारित मंत्रो से अभियन्त्रित करके अमृतसिद्ध, स्वार्थसिद्ध, सिद्धयोग में या अभिजीतमुर्हत में शुभ,लाभ व अमृत के चौघड़िए में राहुकाल व जातक की राशि से चतुर्थ, षष्ठ्म, अष्ठम् व द्धादश चन्द्रमा त्यागकर ही इनकी स्थापना करनी चाहिए। राहुकाल का भी त्याग करना चाहिए।
उपरोक्त यंत्र संस्थान पर वैदिकविधि से अमृत सिद्धि योग में प्राण-प्रतिष्ठा किये हुए उपलब्ध है।