Instruments


समस्त प्रकार के दुर्लभ अष्टधातु यंत्र उपलब्ध कराऐ जाते है,व अभियन्त्रित किये जाते है। :

दुर्लभ अष्टधातु यंत्र को स्थापित करने का तरीका :-  सभी प्रकार के मन्त्रो को जन्मकुण्डली, टेवा, प्रश्नकुण्डल हस्तरेख, मस्तक रेखा देखकर ही प्रयोग में ले। यंत्रो को निर्धारित मंत्रो से अभियन्त्रित करके अमृतसिद्ध, स्वार्थसिद्ध, सिद्धयोग में या अभिजीतमुर्हत में शुभ,लाभ व अमृत के चौघड़िए में राहुकाल व जातक की राशि से चतुर्थ, षष्ठ्म, अष्ठम् व द्धादश चन्द्रमा त्यागकर ही इनकी स्थापना करनी चाहिए। राहुकाल का भी त्याग करना चाहिए।   

श्री यंत्र अष्ट लक्ष्मी यंत्र
कुबेर यन्त्रम  वशीकरण यंत्र
व्यापार वृद्धि यन्त्रम शत्रु दमन यंत्र
वास्तु दोष निवारण यंत्र सरस्वती यंत्र
कनक धारा यंत्र हनुमत पूजन यंत्र
काल सर्प दोष निवारण यंत्र  नवदुर्गा यंत्र
सर्व कार्य सिद्धि यंत्र संतान गोपाल यंत्र
सर्व कष्ट निवारण यंत्र मत्स्य यंत्र
सर्व बाधा मुक्ति यंत्र वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र
सर्व रोग निवारण यंत्र प्रेम वृद्धि यंत्र
दुर्गा बीसा यंत्र मातंगी यंत्र
श्री गणेश यंत्र राम रक्षा यंत्र
श्री लक्ष्मी गणेश यंत्र महा सुदर्शन यंत्र
नव गृह यंत्र काली यंत्र
बगला मुखी यंत्र श्री गायत्री यंत्रम 
महालक्ष्मी यंत्रसूर्य यंत्र
सम्पूर्ण महालक्ष्मी यंत्र चन्द्र यंत्र
सुख समृद्धि यंत्र मंगल यंत्र
महा मृत्युजंय यंत्र बुध यंत्र
सीता यंत्र गुरु यंत्र
पितृ दोष निवारण यंत्र शुक्र यंत्र
शीघ्रलग्न योग यंत्र सिद्ध यंत्र
वास्तु दोष इन्द्राणी यंत्र राहु यंत्र
वैभव लक्ष्मी यंत्र केतु यंत्र


उपरोक्त यंत्र संस्थान पर वैदिकविधि से अमृत सिद्धि योग में प्राण-प्रतिष्ठा किये हुए उपलब्ध है। इच्छानुसार ट्रस्ट में दान दे और दान की रसीद अवश्य प्राप्त करे।
AriesTaurusGeminiCancer LeoVirgoLibraScorpioSagittariusCapricornAquarius Pisces

Follow Us On Facebook Contact UsAstrologer Rakesh Bhargav
जय श्री गणेशाय नम :
पण्डित राकेश भार्गव का जन्म दुनिया को वैदिक ज्योतिष का ज्ञान देने वाले व ज्योतिष विधा के जनक भृगुसंहिता के रचयिता महर्षि भृगु के भृगुवंशी ब्राह्मण परिवार में 08 सितम्बर 1979 को ग्राम भोड़की जिला झुंझुनू (राज.) में हुआ। पंडित जी के परदादा बशेसर लाल जी भार्गव प्रसिद्ध ज्योतिषी थे। उन्हें वाक शक्ति हासिल थी।
Read More